Monday, August 17, 2009

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं!

Many Salutes to Our Real Hero Major Sandeep Unnikrishnan
हैं लिए हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर
और हम तैयार हैं सीना लिए अपना इधर
खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में हैं
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं!

हाथ, जीन में हो जूनून, कटते नहीं तलवार से
सर जो उठ जातें हैं वह झूकते नहीं ललकार से
और भडकेगा जो शोला-सा हमारे दिल में हैं
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं!

हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफन
चाहतें ली भर, लिए लो भर चले हैं ये कदम
जिंदगी तो अपनी मेहमान, मौत की महफिल में हैं
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं!

दिल में तूफानों की टोली और नसों में इन्किलाब
होश दुश्मन के उडा देंगे हमें रोको ना
दूर रह पायें जो हम से दम कहां मंझिल में हैं
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं!

1 comment:

  1. Anek shubh kamnaon sahit swagat hai!
    Aapka jazba salamat rahe!

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